राधे-राधे, आदाब, सत्यश्री अकाल, हैलो मेरे प्यारे दोस्तों तो कैसे हो आप सब? दोस्तों आज मैं एक ऐसे मामलें पर प्रकाश डालने जा रहाँ हूँ, जिससे समाज का हर व्यक्ति परेशान है और खास तौर पर आम जनता। जी हाँ दोस्तों ये मानव द्वारा निर्मित एक ऐसा दीमक है जो हमारे देश और दुनिया में पूरी तरह से फ़ैल चूका है और उसे अंदर से खोखला बनाता जा रहा है, जिसे हमलोगों ने नाम दिया है ‘भ्र्स्टाचार(Corruption)’ और “भारत में भ्रस्टाचार (Corruption in India)” एक बहुत ही संगीन मामला है, जो समाज के हर क्षेत्र को दूषित कर रहा है।
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भ्र्स्टाचार क्या है ?
भ्र्स्ट मतलब ‘ख़राब या गंदा’ और आचार मतलब ‘विचार या व्यवहार’, इसका मतलब जिस व्यक्ति के विचार अपने समाज के प्रति ख़राब हो जाएँ, ‘भ्र्स्टाचार(Corruption)’ एक ऐसा दीमक है, जो पुरे विश्व में फैला हुआ है। भ्र्स्टाचार किसी व्यक्ति विशेष या फिर कोई निजी अथवा सरकारी संगठन द्वारा किया गया अनैतिक और अनुचित व्यवहार होता है जो की आपराधिक श्रेणी में आता है। ये भ्र्स्टाचार वो शक्ति प्राप्त अधिकारी अथवा संगठन अपना अवैध लाभ करने के लिए उस शक्ति का दुरूपयोग करता है।
जिस प्रकार से दीमक बाहर से सब कुछ अच्छा दिखा कर अंदर ही अंदर अपना पेट भरता रहता है ठीक उसी प्रकार से कुछ लोग जो दीमक की श्रेणी में आतें हैं, वो देश को खोखला किये जा रहें हैं सिर्फ अपने थोड़े से लाभ के लिए। दोस्तों इस भ्र्स्टाचार के दीमक को और बढ़ाने का काम हम जैसे लोगों ने किया है क्यूंकि हम सब मतलबी बस ये देखतें हैं की अपना काम बस कैसे भी होना चाहिए जबकि हमे यह पता रहता है की हम यह गलत कर रहें हैं फिर भी करतें हैं और उस भ्रस्टाचार के दीमक को खाने के लिए छोड़ देतें हैं, तो ऐसे फिर वो सबसे कुछ न कुछ खाने लगता है।
दोस्तों पता है इस दीमक की दवा क्या है ‘हम खुद’ क्यूंकि हम ही इनकी हिम्मतों को बढ़ावा देतें हैं, जिससे ये आगे चल कर हमारी ही दी हुई हिम्मत हमे वापिस दिखातें हैं, अगर हम बिना डरें छोटी से छोटी भ्रस्टाचार भी जहाँ हो रही है यदि हम में से कोई भी उस दीमक की कड़ी को तोड़ देता है तो फिर वो दीमक कमजोर पड़ जायेगा लेकिन यहाँ बात आती है की कौन है जो आगे आकर उस कड़ी को तोड़ेगा, तो दोस्तों वो वही होता है जिसमे हिम्मत होती है, जो अपने देश और समाज में ऐसा होते नहीं देख सकता है क्यूंकि वो खुद ऐसा न करेगा और न करने देगा और वो व्यक्ति ही समाज में बदलाओ लेकर आता है।
जैसा की दोस्तों आप जानते होंगे की हमारे देश में “अन्ना हज़ारे” जी के द्वारा भी भ्रस्टाचार के खिलाफ 2011 में अनसन किया गया था, की देश में ‘लोकपाल और लोकायुक्त’ को लेकर आया जाये ताकि केंद्र और राज्य सरकार के भ्रस्टाचार को रोका जा सके और उनके इस प्रयास ने अपने देश को लोकपाल और लोकायुक्त दिलवाया।
दोस्तों मैं हमेशा यह सोचता हूँ की हम अपना योगदान भी दे सकतें हैं, यदि आप अपने समाज का अच्छा चाहतें हो तो आप सभी स्तर पर सोचो की हम क्या कर सकतें हैं क्यूंकि अगर आप अपने देश के हो और गलत होता देख रहे हो तो आप भी उस गलती के भागीदार हो जाते हो हालाँकि अभी के समय में अधिकतर ऐसा ही देखने को मिलता है।
भारत में भ्रस्टाचार के प्रकार।
इस दुनिया में कोई भी ऐसा स्थान नहीं बचा है जंहा ये भ्रस्टाचार के दीमक ने अपना पाओ न फैलाया हो और ऐसा कोई व्यक्ति नहीं जो इस भ्रस्टाचार के चपेट में न आया हो, देश में सार्वजनिक क्षेत्र हो या निजी क्षेत्र इसका प्रभाव सभी जगह मिल जायेगा सिर्फ रिश्वत लेना ही भ्रस्टाचार नहीं है इसके अलावा भी भ्रस्टाचार के कई प्रकार हैं जैसे:-
क) गबन करना, चोरी और धोखादड़ी करना।
ख) किसी से जबरन वसूली करना या किसी को ब्लैकमेल कर पैसे लेना या उसका गलत फ़ायदा उठाना।
ग) नेटवर्किंग के क्षेत्र में हैकिंग करना।
घ) चुनाव प्रचार में आम जनता को लालच देना और धांधली करना।
ङ्ग) राजनीती में , खेल के क्षेत्र में, फिल्म जगत के क्षेत्र में, इन जगहों पर भाई-भतीजावाद करना।
च) स्वस्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में गलत तरीके से झूठ बोल कर पैसे लेना।
छ) टैक्स की चोरी करके अपना लाभ करना।
ज) पैसे देकर पुरूस्कार और उपलब्धियां प्राप्त करना, प्रमोशन लेना।
ये सभी कहीं न कहीं समाज में भ्रस्टाचार को और बढ़ावा देतें हैं, जिसके परिणामस्वरूप लोगों में बस पैसे की अहमियता हो गयी है।
भारत में भ्रस्टाचार।
भ्रस्टाचार के मामले में भारत भी कोई पीछे नहीं है, हमारा देश एक लोकतान्त्रिक देश है और साथ ही साथ हमारी अर्थव्यवस्था अभी विकासशील देशों में आती है और हमारे विकासशील देश को एक विकसित देश होने के लिए यह भ्रस्टाचार एक बहुत बड़ी बाधा बनती नज़र आ रही है।
हमारे देश में ऐसे तो सभी क्षेत्रों में रिश्वतखोरी होती है लेकिन कुछ उनमे से गिने-चुने क्षेत्र हैं जिनमे हमे भ्रस्टाचार हमेशा देखने को मिलती है जैसे:-
क) स्वस्थ्य और शिक्षा में
ख) पुलिस प्रशासन में
ग) सरकारी संस्थानों में
घ) न्यायालयों में
तो दोस्तों इन चुनिंदा क्षेत्रो में हमे अपने देश में भ्रस्टाचार और क्षेत्रो के मुकाबले अधिक देखने को मिलती है और दोस्तों “ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल” द्वारा प्रकाशित “भ्रस्टाचार धारणा सूचकांक” में भी भारत का स्थान 86वां है, वो भी कुल 180 देशों में जो की पिछले वर्ष के मुकाबले 6 पायदान निचे आ गया है 2019 में भारत का स्थान पुरे विश्व में 80 था।
तो दोस्तों आपकी थोड़ी सी हिम्मत आपके साथ-साथ दूसरों की भी मदद करेगी और हमारे समाज से इन दीमको का भी सफाया होगा। अगर समाज में इन भ्रस्टाचार रूपी दीमक को नहीं रोका गया तो आने वाले समय में हमे अपने समाज में एक बहुत बड़ा फर्क देखने मिलेगा की गरीब और गरीब होता चला जायेगा और अमीर और अमीर होता चला जायेगा।
भारत में भ्रस्टाचार के कारण।
भारत में भ्रस्टाचार और रिश्वतखोरी बहुत तेजी से फ़ैल रही है और तो और जितने कानून अथवा विभाग बनाये जा रहें है ताकि इसे रोका जा सके या कम किया जा सके लेकिन ठीक इसके विपरीत परिणाम देखने को मिल रहा हैं क्यूंकि रिश्वतखोरी, कालाबाज़ारी यह सब इतिहास में भी किये जातें थे, राजा-महाराजाओं के द्वारा, हमारे देश में अंग्रेज़ आएं और उनके द्वारा भी यह प्रथा विरासत से चलते आ रही है, लोग अपने अधिकारों और पदों का गलत तरीके से लाभ उठाते हैं और भ्रस्टाचार एक तरह की कड़ी है क्यूंकि जिस व्यक्ति ने रिस्वत दिया वो भी किसी से रिस्वत जरूर लेगा उसके मन में यही भावना होती है की मैंने धन दिया है तो मै भी उस धन को दुसरो से अर्जित कर लूँ, भारत में इसके और भी कई कारण हैं, जैसे की:-
क) कहीं भी किसी भी तरह से विभागों या संस्थानों में आम जनता के लिए कोई भी पारदर्शिता नहीं है और उसके साथ कुछ गलत हुआ तो उसका जवाबदेही भी कोई नहीं है।
ख) शिक्षा और सही जानकारी के अभाव के कारण आम जनता इसके चपेट में आ जाती है।
ग) सरकारी योजनाएं सरकार के द्वारा बना तो दी जातीं हैं लेकिन उसका लाभ गरीब जनता कम बल्कि अधिकारीयों द्वारा ज्यादा उठाया जाता है।
घ) हम समाज में क्षेत्र के नाम पर, जाती के नाम पर, भाषा के नाम पर, धर्म के नाम पर छोटे-छोटे टुकड़ो में बट गएँ हैं जिसके कारण हमारे द्वारा चुने गए नेता हमपर, “फुट डालो और राज करो” की राजनीती अपना कर हमपर राज करतें हैं।
ङ्ग) गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी, महंगाई, स्वार्थ यह सब के कारण देश में भ्रस्टाचार और तेजी से बढ़ता जा रहा है।
च) हमारे देश में टैक्स की चोरी करना बहुत बड़े पैमाने पर होती है जिसमे बड़े उद्योगपतियों और व्यापारियों द्वारा अफसरों को रिस्वत देकर टैक्स की बचत की जाती है। इसके कारण हमारे सरकार की आमदनी कम हो रही है और देश का विकाश सही मायने में नहीं हो पा रहा है।
ज) सरकार के द्वारा जो ‘इलेक्टोरल बांड स्कीम’ लाई गयी है जिसके कारण बड़े-बड़े उद्योगपति और व्यापारी अपना पैसा सरकार को चुनाव में खर्च करने के लिए डोनेशन के रूप में देती है, जिसका प्रभाव कही न कहीं हमारे भ्रस्टाचार को बढ़ावा देता है।
जैसा की आपने पढ़ा और इन्ही सब कारणों से हमारे देश में अमीर और गरीब के बिच एक बहुत बड़ा फासला हो गया है। देश में उच्च अधिकारी से लेकर मामूली चपरासी तक सभी ने रिश्वतखोरी के मामले में मानो एक श्रृंखला सी बना दी है।
भारत में भ्रस्टाचार रोकने के कानून।
दोस्तों भ्रस्टाचार को रोकने और कम करने के लिए भारत सरकार ने हर तरह का प्रयास किया और आम लोगों ने भी यथासंभव प्रयास किया लेकिन कहतें हैं न की सिर्फ कानून बनाने से नहीं होता है उसका इम्प्लीमेंटेशन कैसे किया जा रहा है वह महत्वपूर्ण होता है। हमारे देश में ऐसे बहुत कानून हैं जो भ्रस्टाचार पर लगाम लगा सके लेकिन खुद कानून बनाने वाले भ्रस्ट हैं तो हम किसी और को दोष कैसे दे सकते है।
भ्रस्टाचार के खिलाफ कानूनी ढाँचे:-
क) भारतीय दंड संहिता, 1860-> उन प्रबंधन को निर्धारित करता है जिनकी व्याख्या रिस्वत और धोखाधड़ी के मामलो को करने के लिए की जा सकती है।
ख) भ्रस्टाचार निवारण अधिनियम,1988-> लोक सेवकों द्वारा भ्रस्टाचार के सम्बन्ध में और भ्रस्टाचार के लिए उकसाने में शामिल लोगो के लिए।
ग) धन सोधन निवारण अधिनियम,2002-> इसका उद्देश्य धन सोधन की घटना को रोकने और भारत में अपराध की आय के उपयोग को प्रतिबंधित करना।
घ) कम्पनीज अधिनियम, 2013-> कॉर्पोरेट प्रशासन और कॉर्पोरेट के क्षेत्रो में भ्रस्टाचार और धोखाधड़ी की रोकथाम का प्रबंध करता है।
ङ्ग) विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम, 2010-> व्यक्तियों और निगमों द्वारा विदेशी योगदान और आतिथ्य की स्वीकृति और उपयोग को नियंत्रित करता है।
च) लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013-> केंद्र और सरकारों के लिए एक लोकपाल की स्थापना का प्राबधान करता है ( केंद्र स्तर पे लोकपाल और राज्य स्तर पे लोकायुक्त)
छ) केंद्रीय सतर्कता आयोग, 1964-> इसका कार्य सतर्कता प्रशासन की निगरानी करना है और भ्रस्टाचार से सम्बंधित मामलो में कार्य पालिका को सलाह देना अथवा सहायता है।
ज) बेनामी लेन-देन (निषेध) अधिनियम, 1988-> यह अधिनियम किसी भी बेनामी लेन-देंन (दूसरे की संपत्ति को झूठ बोल कर खरीदना) को प्रतिबंधित करता है।
झ) व्हीशल ब्लोअर संरक्षण अधिनियम, 2011-> यह अधिनियम कोई भी लोक सेवक हो या गैर सरकारी संगठन सहित कोई अन्य व्यक्ति, सीवीसी या सतर्कता आयोग या उच्च न्यायलय को एक सार्वजनिक हित खुलासा कर सकता है।
दोस्तों कानून तो बहुत ही अच्छे हैं लेकिन आप ही सोचिये की यह सारे कानून के बारे में क्या एक आम नागरिक को पता होगा, क्यूंकि सरकार के द्वारा इसकी जागरूकता का प्रचार एक अच्छे स्तर पर नहीं किया जाता है।
भ्रस्टाचार को रोकने के सुझाव।
क) नैतिकता की उपस्तिथि-> एक ईमानदार व्यक्ति के जीवन में नैतिकता की बहुत महत्व होती है उसका व्यवहार कभी बुरा नहीं हो सकता है, इसलिए हमे सभी स्तर पे नैतिकता का पाठ पढ़ाना चाहिए।
ख) पारदर्शिता और जवाबदेही-> सभी स्तर पे फिर वो सरकारी हो या निजी ऐसे प्रावधान बनाये सरकार, जिससे सभी संस्थान और अधिकारी में पारदर्शिता हो और आम जनता को जवाब देने के लिए मजबूर।
ग) प्रभावी कार्यान्वयन-> कानून बनाने के साथ-साथ उस कानून की अच्छी तरह से कार्यान्वयन हो जिसका प्रभाव समाज में आम लोग देख सकें।
घ) जागरूकता और पूरी जानकारी-> सरकार को कोई भी कानून अथवा योजना सम्बंधित जानकारी अच्छी तरह से आम लोगों तक पहुँचाना फिर वो प्रचार के माध्यम से हो ताकि लोग अपना योगदान भ्रस्टाचार को कम करने में दे सकें।
ङ्ग) सम्पत्ति प्रकटीकरण-> समय-समय पे सभी नेता और उच्च अधिकारी को अपनी सम्पत्ति का प्रकटीकरण करना क्यूंकि वो यह भूल जातें हैं की हम इस जनता के सेवक और नौकर हैं।
दोस्तों आप अपने देश के में बढ़ते भ्रस्टाचार के बारे में क्या सोचते हैं अपनी राय इसके बारे में कमेंट करके जरुए बताएं।
“अगर आप अपनी ड्यूटी को सैलूट करते हो तो आपको फिर किसी को सैलूट करने की जरुरत नहीं है, लेकिन अगर आप अपने ड्यूटी को प्रदूषित करते हो तो आपको सबको सैलूट करनी होगी”
“ए.पि.जे अब्दुल कलाम सर”