अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 2024। (International Mother Language Day in Hindi.)

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भाषा दुनिया भर के विभिन्न देशों के लोगों को जोड़ने का एक सुगम माध्यम माना जाता है, सभी देशों की अपनी एक या एक से अधिक मातृभाषा होती है, जो उनके देश में अत्यधिक रहने वाले लोगों के द्वारा बोली जाती है। भाषा न केवल संचार का साधन है बल्कि यह किसी भी क्षेत्र के सांस्कृतिक विविधता और बौद्धिक विरासत के परिदृश्य का भी पूर्ण वर्णन करती है और मातृभाषा विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को जोड़ने और उनके बीच संपर्क सूत्र तैयार करने का काम करती है। इसलिए, मातृभाषा की महत्ता को ध्यान में रखते हुए प्रति वर्ष 21 फ़रवरी को अंतराष्ट्रीय स्तर पर दुनिया भर में “अंतराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस (International Mother Language Day)” मनाया जाता है, जो की भाषाई और सांस्कृतिक विविधता के बारे में जागरूकता फ़ैलाने का कार्य करता है और बहुभाषावाद को बढ़ावा देता है।

antaraashtriya maatribhasha diwas
Antaraashtriya Maatribhasha Diwas

Antaraashtriya Maatribhasha Diwas 2024 का थीम।

Antaraashtriya Maatribhasha Diwas प्रति वर्ष एक विषय पर आधारित कार्य करती है, जहाँ इस बार 2024 में “बहुभाषी शिक्षा – सीखने और अंतर-पीढ़ीगत शिक्षा का एक स्तंभ (Multilingual education – a pillar of learning and intergenerational learning)” विषय रखा गया है, जिसका मतलब बहुभाषी शिक्षा को बढ़ावा देना और उसके समक्ष आने वाली चुनौतियों का समाधान कर अवसर को प्रगट करना।

अंतराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का उदेश्य क्या है?

Antaraashtriya Maatribhasha Diwas का मुख्य उदेश्य भाषाओं की समृद्धि का जश्न मनाना, भाषाई विविधता को बढ़ावा देना, लुप्तप्राय भाषाओं का संरक्षण और मातृ भाषाओं के संरक्षण और प्रचार के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना, जिससे अन्य देशों के लोगों के साथ जुड़ने के माध्यम को सतत तरीके से बरकरार रखा जा सके।

अंतराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का महत्व।

Antaraashtriya Maatribhasha Diwas को दुनिया भर में बड़े जश्न के साथ मनाया जाता है, इस अवसर पर विभिन्न प्रकार के जागरूकता, निबंध लेखन, सांस्कृतिक और बौद्धिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, जिसका मुख्य कारण लोगों को अपने भाषाओँ को संरक्षित करने का सन्देश देना है।

सांस्कृतिक विरासत संरक्षण-> मातृभाषाएँ किसी समुदाय की सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न अंग हैं।

अनेकता में एकता को बढ़ावा देना-> विविध भाषाओं को पहचानने और उनका सम्मान करने से लोगों में एकता की भावना बढ़ती है। अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस भाषाई सीमाओं के पार सहिष्णुता, समझ और सहयोग को बढ़ावा देता है, जो वैश्विक शांति और सद्भाव में योगदान देता है।

वैश्विक सतत विकास-> भाषाई विविधता सतत विकास से जुड़ी हुई है। शैक्षिक प्रणालियों, नीतियों और संचार में मातृ भाषाओं को एकीकृत करके, समाज सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में योगदान देकर सभी व्यक्तियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित कर सकता है।

Antaraashtriya Maatribhasha Diwas क्यों मनाया जाता है?

Antaraashtriya Maatribhasha Diwas मुख्य रूप से बांग्लादेश के भाषा आंदोलन से जुड़ा हुआ है, जब 1952 में बांग्लादेश पश्चिमी पाकिस्तान के रूप में पूर्वी पाकिस्तान से अपने बंगाली भाषा को आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त करवाने के लिए संघर्ष कर रहा था क्यूंकि पूर्वी पाकिस्तान उर्दू बहुभाषी क्षेत्र था और पश्चिमी पकिस्तान बंगाली बहुभाषी क्षेत्र, इसलिए बांग्लादेश ने अपनी मातृभाषा के संरक्षण को एक भाषा आंदोलन का रूप देकर 1956 में बंगाली को पाकिस्तान की आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में मान्यता दिलवाई।

इसी भाषा आंदोलन को ध्यान में रखते हुए और इस आंदोलन के दौरान दिए गए बलिदानो के सम्मान में विश्व स्तर पर भाषाई विविधता को बढ़ावा देने के लिए यूनेस्को ने 1999 में 21 फ़रवरी को अंतराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में घोसित किया क्यूंकि 21 फ़रवरी को बांग्लादेश के बंगाली भाषा को मान्यता मिली थी।

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