दुनिया भर में लोगों को सामान्य रूप से जीवित रहने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है भोजन और भोजन में भी सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं विभिन्न प्रकार की दालें, जिनमे समृद्ध प्रोटीन का स्रोत होता है और ख़ास तौर पर शाकाहारी लोगों के लिए लेकिन भोजन में दालें लोगों की मूलभूत आवश्यकता भी होती है। इसलिए, प्रति वर्ष दालों की महत्ता को उजागर करने के लिए 10 फ़रवरी को “विश्व दलहन दिवस (Visw Dalhan Diwas)” के रूप में मनाया जाता है, जहाँ विभिन्न प्रकार के दालों के सकारात्मक प्रभाव का प्रमाण दिया जाता है साथ ही वैश्विक पोषण, कृषि और सतत विकास में दालों की महत्वपूर्ण भूमिका का वर्णन करता है।
Visw Dalhan Diwas ना केवल दाल की महत्ता के बारे में जागरूकता फैलता है साथ ही उसके उपभोग से भुखमरी और गरीबी को कैसे समाप्त किया जा सकता है इस पर भी अपनी प्रकाश डालता है, जो सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने में भी सहायता करता है।
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Visw Dalhan Diwas 2024 का थीम।
Visw Dalhan Diwas प्रति वर्ष एक थीम पर आधारित कार्य करता है, जहाँ इस बार 2024 में “दालें: पौष्टिक मिट्टी और लोगों (Pulses: nourishing soils and people)”, थीम रखा गया है, जिसका मतलब है की दालें लोगों को पौष्टिक आहार प्रदान करने के साथ मिट्टियों को भी पौष्टिकता प्रदान कर उनकी उर्वरक शक्ति को बढाती है।
विश्व दलहन दिवस का उद्देश्य क्या है?
Visw Dalhan Diwas का मुख्य उदेश्य वैश्विक स्तर पर गरीबी, भुखमरी और कुपोषित से शिकार लोगों को पौष्टिक तत्त्व से भरपूर भोजन उपलब्ध करवाना साथ ही संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य में लक्ष्य “01, 02, 03, 05, 08, 12, 13 और 14 ” को हासिल करना है, जो की गरीबी, शून्य भुखमरी, बेहतर स्वास्थ्य आदि के बारे में बातें करता है।
Visw Dalhan Diwas का महत्व क्या है?
- पोषक तत्वों से भरपूर पावरहाउस-> दालें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और खनिज सहित आवश्यक पोषक तत्वों का एक समृद्ध स्रोत हैं। वे एक उत्कृष्ट पौधा-आधारित प्रोटीन विकल्प प्रदान करते हैं, जो उन्हें शाकाहारी और शाकाहारी आहार का एक अनिवार्य घटक बनाता है।
- वैश्विक खाद्य सुरक्षा-> दालें विभिन्न संस्कृतियों में आहार में मुख्य भोजन के रूप में कार्य करके वैश्विक खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वे दुनिया भर में, विशेषकर विकासशील देशों में लाखों लोगों के लिए पोषण का एक किफायती और सुलभ स्रोत हैं। विविध जलवायु में दलहनी फसलों के पनपने की क्षमता बदलती पर्यावरणीय परिस्थितियों के प्रति उनके लचीलेपन में योगदान करती है।
- स्थायी कृषि-> दलहन पर्यावरण के अनुकूल फसलें हैं जो मिट्टी में नाइट्रोजन स्थिर करके मिट्टी की उर्वरता बढ़ाती हैं। यह नाइट्रोजन-फिक्सिंग क्षमता कृषि में सिंथेटिक उर्वरकों की आवश्यकता को कम करती है, जिससे टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा मिलता है।
- जैव विविधता और फसल चक्रण-> फसल चक्र प्रणालियों में दालों को एकीकृत करने से जैव विविधता और मिट्टी के स्वास्थ्य में वृद्धि होती है।
- जलवायु परिवर्तन शमन-> दालें मिट्टी में कार्बन को सोखकर जलवायु परिवर्तन को कम करने में भूमिका निभाती हैं। मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने और सिंथेटिक उर्वरकों और कीटनाशकों की आवश्यकता को कम करने की उनकी क्षमता अधिक टिकाऊ और लचीली कृषि प्रणाली में योगदान करती है।
विश्व दलहन दिवस की शुरुवात कब हुई?
Visw Dalhan Diwas की सबसे पहले वर्ष 2013 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा ‘अंतराष्ट्रीय दाल दिवस’ रूप में मनाने का निर्णय लिया गया था, लेकिन इसे 2016 में पहली बार मनाया गया था। 2019 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा दाल की वैश्विक महत्व को महसूस करते हुए और वैश्विक खाद्य सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए 10 फ़रवरी को आधिकारिक प्रस्ताव के साथ Visw Dalhan Diwas घोसित किया।