विकलांग व्यक्तियों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस। (International Day of Persons with Disabilities in Hindi.)

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विकलांगता, ईश्वर के द्वारा दिया गया एक ऐसा अभिशाप जिसमे व्यक्ति सामान्य कार्यों को करने में असमर्थ होता है, लेकिन फिर भी गुजरते समय के साथ वह व्यक्ति अपनी उस विकलांगता की आदत से ऊपर उठकर समाज के वह सभी कार्यों को करने में सामर्थवान हो जाता है। इन सब के बावजूद उस व्यक्ति को समाज में कई प्रकार की सामाजिक कुरीतियों, भेद-भाव और अन्य बाधाओं का सामना करना पड़ता है, जिसके कारण समाज में उन्हें समान अधिकार और अवसर से वंचित रहना पड़ता है, समान अधिकार और अवसर के पात्र विकलांग पैदा हुए व्यक्ति को भी प्रदान की जानी चाहिए। इसलिए, प्रति वर्ष 03 दिसंबर को “विकलांग व्यक्तियों का अंतराष्ट्रीय दिवस (International Day of Person With Disabilities)”, जागरूकता फ़ैलाने के लिए मनाया जाता है।

viklaang vyaktiyon ka antarashtriy diwas
Viklaang Vyaktiyon ka Antarashtriya Diwas

Viklaang Vyaktiyon ka Antarashtriya Diwas का मुख्य उद्देश्य विकलांग व्यक्तियों के लिए समान अधिकार, अवसर और उनके कल्याण को बढ़ावा देने के प्रति जागरूकता फैलाना साथ ही राजनितिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन के सभी स्तर पर विकलांग व्यक्तियों की स्तिथि के बारे में समाज को जागरूक कर उनके साथ मलकर कार्य करना। यह दिवस विकलांग व्यक्तियों को यह एहसाँस दिलाता है की वह भी समाज का एक हिस्सा है और उनके बिना समाज अधूरा है।

Viklaang Vyaktiyon ka Antarashtriya Diwas प्रति वर्ष एक विषय पर आधारित कार्य करता है, जहाँ 2023 का विषय “विकलांग व्यक्तियों के लिए, उनके साथ और उनके द्वारा एसडीजी को बचाने और प्राप्त करने की कार्रवाई में संयुक्त (United in action to rescue and achieve the SDGs for, with and by persons with disabilities)” है, जो की संयुक्त राष्ट्र द्वारा आधारित सतत विकास लक्ष्य 2030 के अजेंडा पर आधारित है और विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा भी यह सुनिश्चित किया जा रहा है की सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने में विकलांग व्यक्तियों का भी योगदान निहित हो।

विकलांग व्यक्तियों का अंतराष्ट्रीय दिवस का महत्व।

आज पुरे विश्व में 1.3 बिलियन लोग गंभीर विकलांगता का अनुभव करतें हैं, जो की वैश्विक आबादी का 16% प्रतिनिधित्व करता है। इन आकड़ों के मुताबिक यह दिवस की महत्ता और अधिक बढ़ जाती है।

इस दिन गैर-सरकारी संस्थानों, विकलांग संस्थानों द्वारा जागरूकता कैम्प्स लगा कर लोगों को जागरूक करने का कार्य किया जाता है साथ ही विकलांग लोगों को विकलांगता उपकरण और मशीनें प्रदान की जातीं हैं।

विकलांग व्यक्तियों का अंतराष्ट्रीय दिवस का इतिहास।

विकलांग व्यक्तियों के प्रति सद्भावना, सम्मान, उनके कल्याण, अधिकारों और समान अवसरों को प्रदान करने के लिए 1992 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा Viklaang Vyaktiyon ka Antarashtriya Diwas की स्थापना की गयी और यह घोसणा की गयी की प्रति वर्ष 03 दिसंबर को यह दिवस मनाया जायेगा और साथ ही विकलांग लोगों के मुद्दों को समझना और उनका समर्थन करना भी इसका उदेश्य होगा।

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