कैंसर की बीमारी पुरे विश्व में मृत्यु का एक प्रमुख कारण बन चूका है, जो की निजी स्तर पर हमारे राष्ट्र पर भी गंभीर असर डाल रहा है, भारत पुरे विश्व में कैंसर से सम्बंधित मामलों में शीर्ष पर आता है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम के अनुसार भारत में कैंसर सम्बंधित मामलों की संख्या 2022 में 14.6 लाख से बढ़ कर 2025 में 15.7 लाख हो जाएगी और इन्ही बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने प्रति वर्ष 7 नवंबर को “राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस (National Cancer Awareness Day)” मनाने का निश्चय किया, जिसका उदेश्य देश में जागरूकता, रोकथाम और कैंसर का शीघ्र पता लगाकर उसका इलाज करना है, जिससे कैंसर से सम्बंधित मृत्यु दर को कम किया जा सके।
विभिन्न प्रकार की कैंसर सम्बंधित बीमारियां होतीं हैं, जिनमे से कुछ प्रमुख होतें हैं और वह महिलाओं और पुरुषों में भिन्न होतें हैं, जैसे:-
- महिलाओं में-> स्तन कैंसर, गर्भाशय ग्रीवा कैंसर, अंडाशय कैंसर, होंठ कैंसर, कोलोरेक्टल।
- पुरूषों में-> लिप-ओरल कैविटी कैंसर, फेफड़ों का कैंसर, कोलोरेक्टल, पेट का कैंसर, ग्रासनली का कैंसर।
कैंसर सम्बंधित यह बीमारियां भारत में आमतौर पर अधिकतर देखने को मिलते हैं और 50 प्रतिशत से ऊपर कैंसर से पीड़ित मरीज ऐसे हैं जिन्हे मालूम ही नहीं होता की उन्हें कैंसर है, उन्हें आमतौर पर अपने कैंसर के बारे में तीसरे या चौथे स्टेज में पता चलता है, जो की भारत में कैंसर से होने वाले मृत्यु का बड़ा कारण है। इसलिए, सरकार के द्वारा कैंसर का शीघ्र पता लगाने, जागरूकता पैदा करने और लोगों को इसके बारे में शिक्षित करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। इस दिन लोगों को मुफ्त जांच के लिए सरकारी अस्पतालों और नगरपालिका क्लीनिकों में जाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है साथ ही कैंसर से कैसे बचा जाये इसके लिए पुस्तिकाएँ भी प्रसारित की जाती हैं।
Table of Contents
राष्ट्रिय कैंसर जागरूकता दिवस का इतिहास।
Rashtriya Cancer Jaagrukta Diwas 7 नवंबर को विश्व कैंसर जागरूकता दिवस के तर्ज पर मनाया जाता है, इस दिवस की शुरुवात भारत में वर्ष 2014 से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री हर्ष वर्धन जी के द्वारा की गयी। राष्ट्रिय कैंसर जागरूकता दिवस नोबेल पुरुष्कार विजेता वैज्ञानिक ‘मैडम मैरी क्यूरी’ के जन्मोत्सव के स्मरण में मनाया जाता है। मैरी क्यूरी को रेडियम और पोलोनियम की खोज और कैंसर के खिलाफ लड़ाई में परमाणु ऊर्जा और रेडियोथेरेपी का विकास करने में उनके महान योगदान के लिए याद किया जाता है।
राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस का महत्व।
कैंसर के बारे में लोगों को जागृत करने की आवश्यकता दिन-प्रतिदिन बढ़ते ही जा रही है क्यूंकि कैंसर से सम्बंधित मामलों में कहीं-न-कहीं भारत शीर्ष पर है। कैंसर के प्रति जागरूकता और शिक्षा लोगों में कैंसर के प्रति समझ को विकसित करेगा और साथ ही लोगों को पहले चरण के दौरान कैंसर का शीघ्र पता लगाने में मदद करेगा।
- उच्च मृत्यु दर, भारत में कैंसर के मामले विकसित देशों की तुलना में कम हैं लेकिन कैंसर का देर से पता चलने के कारण मृत्यु दर अधिक है।
- महिलाओं को नियमित रूप से अपनी जांच अवश्य करानी चाहिए क्योंकि भारत में स्तन कैंसर से पीड़ित प्रत्येक 2 महिलाओं में से एक महिला की इससे मृत्यु हो जाती है।
- भारत में हर 8 मिनट में सर्वाइकल कैंसर से एक महिला की मौत हो जाती है और सर्वाइकल कैंसर भारत की महिलाओं में दूसरा सबसे आम कैंसर प्रकार है।
इन कारणों की वजह से Rashtriya Cancer Jaagrukta Diwas की महत्ता भारत में बढ़ गयी है, जिससे कैंसर से होने वाली मृत्यु को कम किया जा सके क्यूंकि कैंसर उपचार योग्य रोग है अगर इसके बारे में शुरुवात में पता चल जाये तो।