भारत में काला जादू का प्रचलन। (Prevalence of Black Magic in India in Hindi.)

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भारतीय समाज की सभ्यता और संस्कृति लोगों की मान्यताओं पर निर्भर करती है, जिसके कारण हमारी पौराणिक परम्पराएँ आज भी समाज में देखि जा सकती है जिसकी जड़ें हमसे जुडी हैं। लेकिन, आधुनिकता एवं पश्चिमी सभ्यताओं ने हमारे भारत की संस्कृतियों के प्रति मान्यताओं को कम किया है परन्तु आज के इस आधुनिक युग और कृत्रिम बुद्धिमता (आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस) के दौर में भी “भारत में काला जादू का प्रचलन (Bharat mein Kala Jaadu ka Prachalan)” तेजी से बढ़ रहा है, आधुनिकता और पश्चिमी सभ्यता इसे कम करने में असमर्थ है क्यूंकि जब हमारी मान्यताएँ अंधविश्वास में तब्दील हो जाती है तब ये काले जादू का प्रकोप देखने को मिलता है।

Kala Jaadu, टोना-टोटका, तंत्र-मंत्र के प्रति हमारे भारत में मान्यता बढ़ती जा रही है, जो की एक प्रगतिशील समाज के लिए बहुत अधिक हानिकारक है। जिस प्रकार से सती प्रथा, बाल विवाह, जाती प्रथा जैसी बुराइयाँ एक प्रगतिशील समाज को आगे बढ़ने से रोक रही थी ठीक उसी प्रकार से काले जादू का प्रचलन भी हमारे समाज को आगे बढ़ने से रोक रहा है, जिसे रोकना बहुत जरुरी है। हालाँकि, हमारे भारत में Kala Jaadu करना पूरी तरह से प्रतिबंधित है, इसके बावजूद भी Kala Jaadu हमारे समाज में कायम है क्यूंकि हम अपनी मान्यताओं को अपने जीवन से अधिक महत्वपूर्ण समझने लगतें हैं।

bharat mein kala jaadu
Bharat mein Kala Jaadu

काला जादू क्या होता है?

Kala Jaadu एक प्रकार की तंत्र-मंत्र विद्या होती है जो की व्यक्ति के मन अथवा दिमाग में बुरा भ्रम उत्पन्न करके उसे अंधविश्वास की ओर ले जाती है। काला जादू के माध्यम से किसी भी व्यक्ति को अपने वश में किया जा सकता है उसे अथवा उसके पुरे परिवार को नुक्सान पहुँचाया जा सकता है और यह उस व्यक्ति के साथ उसके परिवार की जान भी ले सकता है।

Kala Jaadu एक प्रकार की ऐसी भ्रान्ति होती है, जो की व्यक्ति की मनोपरिस्तिथि को नाकारात्मक तरीके से परिवर्तित कर देती है। विज्ञान के अनुसार काला जादू एक नाकारात्मक ऊर्जा है जो की ज्यादातर मनोवैज्ञानिक होतें हैं। उद्धारहण के लिए; अगर किसी व्यक्ति के साथ सुबह कुछ बुरा हो जाये या वह कुछ बुरा देख ले तो फिर उसका दिमाग केवल यही सोचता है की आज सब कुछ बुरा होगा और फिर बुरा होता भी है लेकिन यहाँ वह व्यक्ति खुद के साथ आगे बुरा होने से बचा सकता था यदि वह अपने दिमाग अथवा मन को सुबह हुए उस बुरे परिस्तिथि के अनुकूल नहीं बनाता तो।

जानकारों के मुताबिक ऐसी किसी भी प्रकार की बुरी घटना हमारे मन में नाकारात्मक भ्रान्ति अथवा भय उत्पन्न कर देती है, जिसके कारण Kala Jaadu जानने वाला आसानी से उस व्यक्ति को अपने वश में कर लेता है। 

हमारे भारत में काले जादू का अभ्यास बड़े स्तर पर देखने को मिलता है, अगर बात करे आकड़ों की तो राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार Kala Jaadu और जादू टोना के मामले में छत्तीसगढ़ शीर्ष पर है, फिर ओडिशा और झारखण्ड तीसरे स्थान पर है, 2018-2021 के बिच काला जादू के कारण देश भर में कथित रूप से 310 लोग मारे गए थे। ओडिशा उच्च न्यायालय के अनुसार, 2000 से 2016 के बीच, राज्य में लगभग 2,500 महिलाओं को डायन बताकर हत्या कर दी गई थी। झारखंड पुलिस के रिकॉर्ड में, 2015 से 2022 के बिच 277 महिलाओं को डायन बताकर कर हत्या कर दी गयी।

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ऐसे मामले केवल इन्ही तीन राज्यों तक सिमित नहीं है बल्कि यह असम, बिहार, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, कोलकाता, हैदराबाद जैसे शहरों में भी पाए जातें हैं और साथ ही Kala Jaadu हमारे समाज में तीन प्रकार से प्रसारित है, जिस अंधविश्वास को आज भी लोग बड़े स्तर पर मान्यताएँ देतें हैं:-

  • धार्मिक अंधविश्वास, के अंतर्गत तांत्रिक विद्या, मंत्रो की शक्ति जैसे काले जादू शामिल होतें हैं, जो की आमतौर पर वाराणसी का मणिकर्णिका घाट, ओडिशा का कुशभद्र नदी।
  • सांस्कृतिक अंधविश्वास, के अंतर्गत विभिन्न प्रकार की बलि प्रथा शामिल होती है, जैसे मानव बलि, छोटे बच्चों की बलि, जानवरों की बलि।
  • सामाजिक प्रथाओं, के अंतर्गत आमतौर पर समाज में महिलाओं को इन काले जादू का शिकार होना पड़ता है, जब समाज उसे डायन-चुड़ैल, बुरी आत्मा जैसे शब्दों से सम्बोधित करने लग जाती है।

भारत में काला जादू का कारण।

Kala Jaadu और अंधविश्वास जैसे बुरी प्रथाओं के अनेकों कारण समाज में देखें जा सकतें हैं, जैसे:-

  • सांस्कृतिक और धार्मिक मान्यताएँ-> भारतीय समाज में सांस्कृतिक एवं धार्मिक मान्यताएँ इतनी प्रबल है की लोग इसपर अपनी आँखें बंद करके विश्वास करतें हैं और इन मान्याताओं की बिना सही-गलत की पहचान किये केवल इसका अनुसरण करते हैं।
  • पितृसत्तात्मक मानदंड-> भारतीय सभ्यता में हमेशा से औरतों को समाज में इज़्ज़त नहीं दिया गया, जिसके कारण औरतों को ही हमेशा समाज में डायन-चुड़ैल कहा जाता है और ऐसा कहकर समाज उसे घोर यातनाएँ भी देता है या तो समाज उसकी जान ले लेता है।
  • नीम-हकीम और विश्वास उपचार जैसी अवैज्ञानिक प्रथाएँ-> हमारे भारतीय समाज में ज्योतिषी और निम्-हकिम द्वारा लोग अपने भाग्य बदलवातें हैं, उनपर विश्वास करके उनकी अवैज्ञानिक बातों को मानकर स्वयं उनके जाल का शिकार बन जातें हैं फिर वह ज्योतिषी और नीम-हकीम उस व्यक्ति का गलत तरीके से फायदा उठाने लगता है।   
  • अपरिपक्वता और अशिक्षा-> इस आधुनिकता के युग में भी आज समाज के लोगों में अपरिपक्वता एवं अशिक्षा का अभाव देखने को मिलता है, जो की Kala Jaadu के प्रसारित होने का एक मुख्य कारण है और साथ ही ऐसा केवल समाज के अशिक्षित लोगों में ही नहीं बल्कि शिक्षित लोगों में भी इसका प्रमाण बड़े स्तर पर पाया गया है।
  • भय और चिंता-> विभिन्न प्रकार की सामाजिक एवं पारिवारिक भय और चिंता लोगों को इस काले जादू की ओर अग्रसर करता है, जैसे; घरेलू हिंसा, बेरोजगारी, प्रेम प्रसंग, बदला, विवाह ना होना, पारिवारिक सुख, आत्मा की मोक्ष की प्राप्ति Kala Jaadu का अभ्यास करने वाले लोग गारंटी के साथ यह सब काम करते हैं लेकिन ऐसा कुछ नहीं होता है क्यूंकि वह व्यक्ति की मानसिकता को अपने वश में कर लेते हैं।

जमीन-जायदाद हड़पने का प्रयास, किसी का बुरा करने की मानसिकता से, किसी व्यक्ति को अपने वश में करने का प्रयास इन सब के कारण भी हमारे समाज में Kala Jaadu और टोने-टोटके का प्रचलन बढ़ता जा रहा है।

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भारत में काला जादू का प्रभाव।

Kala Jaadu का हमारे समाज पर बहुत बुरा असर होता है लेकिन फिर भी लोग इसके नाकारात्मक प्रभाव को नज़रअंदाज़ करके इसका हिस्सा बन जातें हैं, जैसे:-

  • इस काले जादू का सबसे अधिक शिकार महिलाएं होतीं हैं और समाज में काले जादू से सम्बंधित सबसे अधिक प्रताड़ित उन्हें किया जाता है, महिलाओं को डायन बताकर उन्हें जिन्दा जला दिया जाता है, पत्थर से मारा जाता है, उन्हें नग्न घुमाया जाता है, ऐसा अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिलता है। इससे हमारे समाज में महिलाओं के प्रति बुरा सन्देश फैलता है।
  • Kala Jaadu का प्रकोप कितनी बार अपनों की जान ले लेता है और कई मामलें तो ऐसे भी सामने निकल कर आएं की पुरे परिवार के सदस्यों की जान इस काला जादू और अंधविश्वास के कारण चली गयी है।
  • Kala Jaadu लोगों की मनोपरिस्तिथि को छिन्न कर देता है और उस व्यक्ति की सोचने समझने की क्षमता को नष्ट कर देता है।
  • आज के इस विकाशील समाज में काला जादू जैसी प्रथा समाज को आगे बढ़ने से रोकती है और इसके अभ्यास से कुछ ऐसी घटनाएँ सामने निकल कर आतीं हैं जो समाज को शर्मसार कर देती है। 

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काला जादू से कैसे बचें?

हमारे भारत में Kala Jaadu का अभ्यास पूरी तरह से प्रतिबंधित है लेकिन केंद्र सरकार ने इसके खिलाफ अभी तक किसी भी प्रकार का कानून नहीं बनाया है। हालाँकि, बहुत सी राज्य सरकारें ऐसी हैं जो काले जादू और अंधविश्वास के खिलाफ कानून बना चुकी है क्यूंकि इससे जान-माल की हानि होती है।

  • काले जादू से बचने के लिए किसी भी प्रकार के ज्योतिषी अथवा निम्-हकिम के चक्कर में ना पड़ें केवल अपने धर्म का पालन कर अपने कर्मों पर ध्यान दें।
  • हमेशा एक बात का ध्यान रखें की जो व्यक्ति आपका भाग्य बदल सकता है वह कभी अपने भाग्य को क्यों नहीं बदला इसलिए, Kala Jaadu करने वाले केवल आपके दिमाग में नाकारात्मक विचार और झूठी लालच पैदा करके आपपर काबू कर लेते हैं।
  • जिस राज्य में Kala Jaadu से सम्बंधित मामलें बड़े स्तर में पाएं जातें हैं वहाँ के स्थानीय सरकार को इसके खिलाफ जागरूकता फैलानी चाहिए और साथ ही सभी ग्राम पंचायतों को भी इस जागरूकता अभियान से जोड़ना चाहिए।

जो आपके भाग्य में लिखा है उसे कोई नहीं बदल सकता है केवल आपका कर्म ही आपके आने वाले कल को एक बेहतरीन कल बना सकता है।

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2 thoughts on “भारत में काला जादू का प्रचलन। (Prevalence of Black Magic in India in Hindi.)”

  1. ज्ञानवर्धक विचारों से भरपूर है यह लेख।

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